सीतापुर- अप्रैल माह से जब से गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू किये थे और लोग गर्मी से बचने के लिए अपने घरों एवं प्रतिष्ठानों में विद्युत उपकरणों पंखें, कूलर और एसी के सहारे से गर्मी से बचने की कोशिश कर रहे थे तब से शहर में चारों ओर लगातार ट्रांसफार्मर जलने लगे और ये सिलसिला अब तक लगातार चल रहा है| शहर के कुछ क्षेत्रों में तो पिछले 45 दिनों से पांच बार ट्रांसफार्मर जल चुके हैं| इस सम्बन्ध में काफी हो हल्ला मचा, राजनैतिक पहुँच वाले लोगों से लेकर आम जनता ने काई बार शहर के अलग अलग हिस्सों में प्रदर्शन किया गया| किन्तु बिजली विभाग के अफसरो, इंजिनियरो के कानों पर ज़ू तक नहीं रेंगी| विभाग से सम्पर्क करने पर हमेशा रटा रटाया जवाब दिया जाता है कि लोड अधिक होने से ट्रांसफार्मर जल रहे हैं| सम्बंधित जेई और एसडीओ से पूछने पर दोनों अपने आप को मजबूर बताते हुए अपने हाथ खड़े कर देते हैं कहते हैं मेरे हाथ में कुछ नहीं है| उच्चाधिकारियों से संपर्क करिए| प्रतीकात्मक फोटो
तो आखिर इसका ज़िम्मेदार कौन है कि लोड ज्यादा है तो क्षमता बढाने की ज़िम्मेदारी किसकी होगी? सरकार द्वारा लगातार विद्युत कनेक्शन देने की प्रक्रिया जारी है जिससे सरकार को राजस्व तो प्राप्त हो रहा है परन्तु आम जनता को सुविधा नहीं मिल पा रही है|
एक विभागीय ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि उच्चाधिकारियों से ट्रांसफार्मर की क्षमता बढाने के लिए जब हम लोग कहते हैं तो कहा जाता है ट्रांसफार्मर जलते हैं तो जलने दो आप बदलते रहो| अब सवाल पैदा होता है कि क्षमता न बढाने के बजाये जलने दो-बदलते रहो की नीति से किसको फायदा हो रहा है|