सीतापुर-मनुष्य का व्यक्तित्व उसकी क्षमताओं और प्रदर्शन पर निर्भर करता है। सीतापुर में बज़्म-ए-उर्दू के 52 वर्ष के सफल समापन और इस अवधि के दौरान मस्त हफीज रहमानी की साहित्यिक, काव्यात्मक और पत्रकारिता सेवाओं के माध्यम से लोगों और उर्दू भाषा और साहित्य का विकास अपने आप में अभूतपूर्व है। उनका व्यक्तित्व कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण है। यह बात बीती रात पूर्व सांसद जफर अली नकवी ने जश्ने मस्त हफीज रहमानी के मौके पर कही। इस मौके पर उन्होंने सीतापुर में बिताए अपने बचपन के जीवन को याद किया और मस्त हफीज रहमानी के साथ अपने लंबे समय से चले आ रहे संबंधों का भी जिक्र किया।
बृज किशोर मिन्टो देवी ट्रस्ट की ओर से प्रबंधक शोभित टंडन ने मस्त हफीज रहमानी की साहित्यक एंव सामाजिक सेवाओं को समाज की अमूल्य धरोहर बतातमे हुए उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया और उनकी सेवाओं के सम्मान में 21,000 रुपये का चेक प्रदान किया। जन सरोकार समिति के प्रबन्धक सचिव राम कृष्ण पांडेय ने भी मस्त हफीज रहमानी को सम्मानित करते हुए उन्हें जनपद का गौरव बताया।
इस अवसर पर बज्मे उर्दू सीतापुर ने इकबाल बिस्वानी को ग़ज़ल पुरस्कार प्रदान किया, जबकि संजय मिश्रा शौक, राम प्रकाश बेखुद, अहमद वसी, फर्रूख जमाल, फरीद बिलग्रामी और जुबैर अहमद अंसारी को उनकी साहित्यिक और सामाजिक सेवाओं के सम्मान में पुरस्कार प्रदान किये।
इस अवसर पर एक भव्य मुशायरे का भी आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता हसन अरबी ने की और और संचालन ऑल इण्डिया रेडियो गोरखपुर के उद्घोषक फर्रूख जमाल ने किया। मुशायरे में वासिफ फारूकी, संजय मिश्रा शैेक, राम प्रकाश बेखुद, शफीक उज्जमा शफीक, रिजवान फारूकी, हैदर अल्वी, इकबाल बिस्वानी, अहमद वसी, फैज खुमार, जेपी पांडे नाजीज, जलास लखनवी, साहिल आरफी, कादिर लखीमपुरी, इलियास चिश्ती, इशरत तालगांवी, अफजल युसूफ और अन्य शासरों ने अपने कलाम प्रस्तुत किए। मंजर यासीन, इश्तियाक अली सबा, रिजवान खान, नदीम सीतापुरी, महफूज रहमानी, आरिफ मुहम्मद आरिफ, नूर खैराबादी, रियाज सीतापुरी, कमरुल हक खान और अन्य विशेष रूप से में मौजूद थे। इस अवसर पर शहर के अनेको गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।