लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मण्डल ने पेट्रोल और डीजल के दामों में 10 दिन से लगातार की जा रही वृद्धि को जनता की लूट बताते हुये इसकी कठोर शब्दों में निंदा की है। ऐसे समय में जबकि दुनियां में कच्चे तेल की कीमतें गिरती रही हैं, इन कीमतों में बढ़ोत्तरी किसी भी औचित्य से परे है। निशान पब्लिकेशन न्यूज़ से बात करते हुए भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने बताया कि भाकपा के केन्द्रीय सचिव मण्डल ने भी इस सवाल को बहुत गंभीरता से लिया है और पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता से इस पर कड़ा प्रतिरोध जताने का आह्वान किया है।
भाकपा राज्य सचिव मण्डल ने कहा कि आज भी तेल उत्पादक कंपनियों ने पेट्रोल पर 47 और डीजल पर 57 पैसे प्रति लीटर कीमतें बढ़ाई हैं। पिछले 10 दिनों में दोनों पर अलग अलग कुल 5 रुपये प्रति लीटर की व्रद्धि की जा चुकी है। जब से प्रतिदिन कीमतें तय करने की व्यवस्था लागू की गयी है तबसे किन्हीं 10 दिनों में यह सबसे बढ़ी व्रद्धि है। इन व्रद्धियों से यूपी में पेट्रोल लगभग 80 और डीजल 70 रुपये प्रति लीटर के आसपास जा पहुंचा है।
निश्चय ही इन व्रद्धियों से सभी वस्तुओं की कीमतों और यात्रा व्यय में इजाफा होगा। उपभोक्ता पहले से ही गैस,
बिजली आदि की महंगाई और खाली जेबों के संकट को झेल रहे हैं। कोरोना को रोकने के लिये किए गये लाक डाउन से तहस नहस हुयी अर्थव्यवस्था को भी और अधिक हानि उठानी होगी। भाकपा मांग करती है कि पेट्रोल,
डीजल के लिये पहले वाली ‘
मूल्य नियंत्रण प्रणाली’
लागू की जाये ताकि आमजनों को मौजूदा सरकार द्वारा लागू की गयी नीतियों के तहत तेल उत्पादक कंपनियों की लूट से बचाया जासके। भाकपा राज्य सचिव मण्डल ने कीमतों में इन व्रद्धियों के विरुद्ध 5 दिवसीय प्रतिरोध अभियान चलाने का निर्णय लिया है। यह प्रतिरोध 18 जून से 22 जून तक जारी रहेगा। 18 व 19 जून को ब्रांच स्तर पर,
20 जून को ब्लाक/ तहसील स्तर पर और 22 जून को जिला स्तर पर प्रतिरोध दर्ज कराया जायेगा।