एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून के विरोध
में जनवादी संगठनों द्वारा किया गया विरोध प्रदर्शन
सीतापुर- देश की अखंडता, धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक
एकजुटता, शांति एवं सम्पन्नता को को विखंडित करने वाले विवादित नागरिकता संशोधन
बिल का हम सभी को खुलकर विरोध करना चाहिए
जिससे कि भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि बरकरार रहे और संविधान में
अनुच्छेद 15 के अंतर्गत दिए गये धार्मिक और सामाजिक अधिकारों से भारत की जनता को
वंचित न किया जाए| ये बात भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला संयोजक एम सलाहुद्दीन
ने कलेक्ट्रेट स्थित धरना स्थल पर भाकपा माले, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और जनवादी
संगठनों द्वारा एनआरसी और कैब के विरोध में आयोजित विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते
हुए कहीं|
इस
अवसर पर जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित एक सूत्रीय ज्ञापन भी दिया
गया जिसमें मांग की गयी कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी संविधान की
धर्मनिरपेक्ष भावना को चोट पहुंचा रहा है जिससे देश की धर्मनिरपेक्ष छवि धूमिल हो
रही है और देश के अन्दर अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय में भय का माहौल पैदा किया जा
रहा है| इसीलिए इन दोनों कानूनों को वापस लेने की मांग राष्ट्रपति से की गयी|
इस
अवसर पर भाकपा माले प्रभारी गया प्रसाद, अर्जुन लाल, सहर सीतापुरी, पूर्व बार
अध्यक्ष आशीष मिश्र, सिराज अहमद, शोभा लोधी, शावेज़ खान, अनवर अली, संजीव मिश्र
पूनम सहित सैकड़ों कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे|

