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सीतापुर में स्कूल मर्जर पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

सीतापुर (निशान न्यूज) उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में स्कूल मर्जर के खिलाफ चल रहे जनआंदोलन को एक बड़ी कामयाबी मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने मर्जर के मामले में अंतरिम राहत प्रदान करते हुए सरकार को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।

कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 अगस्त 2025 की तारीख तय की है। इस फैसले से शिक्षकों, अभिभावकों और स्थानीय समुदाय में खुशी की लहर दौड़ गई है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने स्पष्ट किया कि 16 जून 2025 के शासनादेश पर अब कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, और तब तक सभी पक्षों को अपनी याचिकाएं पूरी करने का निर्देश दिया गया है। यह आदेश सीतापुर के लिए विशेष रूप से लागू है, लेकिन अन्य जिलों में भी समान दिक्कतों का सामना कर रहे लोग इस आधार पर राहत के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इस जीत को जनआंदोलन की ताकत का परिणाम माना जा रहा है।

सीतापुर का सामाजिक संगठन संगतिन किसान मजदूर संगठन, समाजवादी पार्टी,  कांग्रेस पार्टी ने इस आंदोलन को मजबूती प्रदान की। संगतिन किसान मजदूर संगठन, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के संयुक्त प्रयासों ने इस मुद्दे को न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि कोर्ट तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 
शहर कांग्रेस अध्यक्ष शिशिर बाजपेयी ने भी इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, कांग्रेस पार्टी हमेशा शिक्षा और सामाजिक न्याय के पक्ष में खड़ी रही है। यह अंतरिम राहत उन सभी लोगों की जीत है, जिन्होंने इस आंदोलन में हिस्सा लिया।आंदोलन का प्रभाव और भविष्य की रणनीति स्कूल मर्जर के खिलाफ यह आंदोलन न केवल सीतापुर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। सरकारी स्कूल बंद कर यह जगह क्या अंबानी या अदाणी को देगी या भाजपा के कार्यालय खोले जाएंगे। शिक्षा का अधिकार भी यह सरकार छीनने का काम कर रही है।

प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रवीन्द्र दीक्षित ने विद्यार्थियों और परिजनों से अपील करते हुए कहा कि न्यायपालिका और न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा रखें और 21 अगस्त तक का इंतजार करें और किसी भी अन्य विद्यालय में प्रवेश न लें। देर सवेर कोर्ट का निर्णय विद्यार्थियों के पक्ष में ही आएगा।

लेकिन आंदोलनकारी इसे अंतिम जीत नहीं मान रहे। उनका कहना है कि जब तक मर्जर की नीति पूरी तरह रद्द नहीं हो जाती। तब तक संघर्ष जारी रहेगा। 21 अगस्त 2025 की सुनवाई में सभी की निगाहें टिकी हैं। 

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