Nishan Publication

ट्रिपल इंजन के ड्राईवर के लिए आवेदकों की कतार

शहर में तीसरा इंजन दौड़ाने को बेताब भाजपा नेता

सीतापुर- प्रदेश में नगरों की सरकार बनाने के लिए माहौल तैयार हो गया है लेकिन हाई कोर्ट के आदेश ने चुनावों की अधिसूचना पर रोक लगा रखी है| उत्तर प्रदेश शासन के नगर विकास विभाग द्वारा जारी आरक्षण को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती देते हुए एक याचिका दाखिल की गयी थी| निकायों की ओबीसी सीटों के लिए जारी आरक्षण में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी ट्रिपल टेस्ट फार्मूले को न अपनाए जाने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस पर रोक लगा दी| मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है और इसके लम्बा खिंचने के आसार हैं| कोर्ट में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश की हैं, हालाँकि जिसके भी खिलाफ फैसला आता है वो सुप्रीम कोर्ट का रुख भी कर सकता है| ऐसे में उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव जो इसी साल नवम्बर दिसम्बर में होना प्रस्तावित थे उनके अब कई हफ़्तों के लिए टलने की आशंका जताई जा रही है|  




      निकाय चुनाव की अधिसूचना टलने से अध्यक्ष पद के लिए टिकट मांग रहे दावेदारों को भी अपनी लॉबीइंग के लिए वक़्त मिल गया है| हर कोई अपने संपर्कों और संबंधों के बल पर टिकट मिलने को लेकर जद्दोजहद में लगा है| देश और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार होने से सबसे ज्यादा आवेदन भाजपा के पास ही आये हैं| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी डबल इंजन को ट्रिपल इंजन में परिवर्तित करने का जनता से आवाह्न कर रहे हैं| ट्रिपल इंजन के ड्राईवर बनने के लिए भाजपा में आवेदकों की कतार लगी हुई है| भाजपा जिलाध्यक्ष अचिन मेहरोत्रा ने निशान पब्लिकेशन से बातचीत में बताया कि सीतापुर नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए अभी तक 47 आवेदन आ चुके हैं| सभी आवेदनों की जांच की जा रही है जिसके बाद आवेदकों की सूची स्क्रीनिंग कमिटी को भेजी जाएगी| प्रत्याशियों के नाम की घोषणा प्रदेश नेतृत्व ही करेगा|


     सीतापुर नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए भारतीय जनता पार्टी से टिकट मांग रहे कई चेहरों ने शहर के प्रमुख मार्गों पर होर्डिंग्स लगवाकर अपना प्रचार भी शुरू कर दिया है| आइये देखते हैं, शहर की समस्याओं, उनके समाधान और विकास को लेकर क्या है भाजपा के संभावित उम्मीदवारों का नजरिया?


भाजपा से टिकट मांग रहे उम्मीदवारों में सागर गुप्ता का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है| पिछले छह महीने से शहर भर में हर तरफ उनकी होर्डिंग्स और बैनर दिखाई दे रहे हैं| तीज-त्योहारों से लेकर हर प्रमुख अवसर पर उनकी होर्डिंग्स-पोस्टर बदल रहे हैं| आरक्षण में सीतापुर की सीट महिला आरक्षित होने पर सागर गुप्ता ने अपनी पत्नी एकता गुप्ता के साथ होर्डिंग्स लगवाना शुरू कर दिया है| युवा चेहरा होने के साथ-साथ सागर गुप्ता क्षेत्र में ताबड़तोड़ प्रचार और हर सामाजिक कार्यक्रम में प्रमुखता के साथ भागीदारी से अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं| 

सागर गुप्ता और एकता गुप्ता


उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन के प्रदेश मंत्री होने के साथ ही युवाओं को अपनी रणनीति में प्रमुखता से रख रहे हैं| सीतापुर के विकास को लेकर उनके प्लान में शहर की समस्याओं को लेकर टोल फ्री नम्बर जारी करने से लेकर 48 घंटे में समस्याओं के निस्तारण जैसी बातें प्रमुख हैं|

     पिछले निकाय चुनावों में भाजपा के प्रत्याशी रहे राजेश शुक्ला भी इस बार अपनी पत्नी संध्या शुक्ला के ज़रिये चुनावी मैदान में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं| 2017 के निकाय चुनावों में लगभग तीन हज़ार वोटों की दूरी ने उनका चेयरमैनी का ख्वाब तोड़ दिया था| इस बार भाजपा से टिकट के प्रमुख दावेदारों में उनका नाम मजबूती के साथ दर्ज है| 

राजेश शुक्ला और संध्या शुक्ला


जानकार बताते हैं कि 2017 के निकाय चुनावों में तत्कालीन भाजपा विधायक राकेश राठौर ने सात सभासदों के टिकट कटवाकर अपने लोगों को टिकट दिलवा दिया था जिसके अप्रत्यक्ष परिणामस्वरुप राजेश शुक्ला चंद वोटों से सपा प्रत्याशी राधेश्याम जायसवाल से हार गये थे| वो 1995 से 2005 तक लगातार दो बार इस्माइलपुर वार्ड से सभासद भी रहे हैं। सीतापुर की वर्तमान परिस्थिति और मुद्दों को लेकर राजेश शुक्ला सजग दिख रहे हैं| शहर में नालियों की साफ़-सफाई से लेकर पार्कों के सौन्दर्यीकरण तक, उनके एजेंडे में शहर के विकास को लेकर कई योजनाएं हैं|


     सीतापुर की सीट महिला आरक्षित होने से भाजपा की महिला नेताओं की सक्रियता बढ़ गयी है| कई महिला नेता भाजपा से टिकट के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रही हैं| इनमें शहर की शिक्षाविद मोनिका आनंद का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है| सीतापुर की सीट आरक्षित होने के बाद उनकी सामाजिक कार्यक्रमों में भागीदारी बढ़ गयी है और नेतृत्व के सामने वो लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं| 

मोनिका आनंद


मदर्स प्राइड पब्लिक स्कूल की प्रबंधक होने की वजह से शिक्षा के क्षेत्र में वह अपना योगदान दे रहीं हैं| सीतापुर के विकास को लेकर अपनी योजना बताते हुए मोनिका आनंद कहती हैं कि शहर में सीवर लाइन का न होना सबसे बड़ी समस्या है| इससे सारा कूड़ा-कचरा नालों-नालियों में जाता है और वो चोक हो जाती हैं| सीवर लाइन का निर्माण कराकर शहर को इस समस्या से निजात दिलवाएंगे| सीट आरक्षण के सवाल पर वो कहती हैं कि सीतापुर की सीट अगर सामान्य हो जाती है, तब भी वह चुनावी मैदान में अपनी दावेदारी से पीछे नहीं हटेंगी|


     वैश्य महिला समाज की प्रदेश उपाध्यक्ष बबिता गुप्ता भी भाजपा से टिकट के दावेदारों में एक प्रमुख नाम हैं| शहर की संभ्रांत महिलाओं में उनकी गिनती होती है और  वह भाजपा प्रबुद्ध प्रकोष्ठ खैराबाद की सह संयोजक भी हैं| 

बबिता गुप्ता


इसके साथ ही वो बी. एस. एजुकेशनल इंस्टिट्यूट के माध्यम से गरीब तबके के होनहार बच्चों को कम फीस पर उच्च गुणवत्ता की शिक्षा भी प्रदान कर रही हैं| वैश्य समाज का प्रमुख चेहरा होने से जानकार उनके टिकट को लेकर भी गंभीर दिख रहे हैं| सीतापुर में विकास कार्यों को लेकर उनकी रणनीति में प्रमुख रूप से शहर में पार्किंग की व्यवस्था, साफ़-सफाई की समुचित व्यवस्था से लेकर नगर पालिका को नवीन उपकरणों से सुसज्जित करवाना शामिल है|

इसके अलावा कई अन्य चेहरे भी भारतीय जनता पार्टी के ज़रिये अपनी चुनावी वैतरणी को पार करके नगर पलिकर परिषद सीतापुर की कुर्सी पर विराजमान होना चाह रहे हैं| इनमें से कई तो खुलकर सामने आ चुके हैं, वहीं कई चेहरे पर्दे के पीछे रहकर अपने समीकरण दुरुस्त करके सही जगह गोटियाँ फिट करने की जुगत भिड़ा रहे हैं| जानकार बता रहे हैं कि अब टिकट की घोषणा हाईकोर्ट द्वारा आरक्षण पर स्थिति स्पष्ट हो जाने के बाद ही होगी|

रिपोर्ट - मोहम्मद कैफ़ अंसारी

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