श्रम कानूनों के विरोध में राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
सीतापुर- देश में बढती महंगाई से आम आदमी का जीना मुहाल हो गया है| कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन में आम आदमी आर्थिक रूप से पंगु हो गया है| दिनों-दिन बढ़ते सब्जियों और अनाज के दामों से कठिनाई से जीवन बसर कर रहे लोगों को दाल-रोटी तक मयस्सर नहीं हो पा रही| सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही जिससे देश में जनता की परेशानियाँ बढती जा रही हैं|
ये बात भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला संयोजक एम सलाहुद्दीन ने महंगाई और बेरोज़गारी के विरोध में वाम दलों द्वारा आयोजित प्रदर्शन में कहीं| वामदलों ने सात सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा| एक्टू नेता गया प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार श्रम कानूनों में किए गए बदलावों को वापस लेकर लेबर एक्ट बहाल करे और समान काम के लिए समान वेतन दिया जाये| सभी संविदा कर्मियों को न्यूनतम वेतन 21 हज़ार रूपये दिया जाये| भाकपा माले के अर्जुन लाल ने कहा कि सभी आशा, रशोइय, रोज़गार सेवक जैसे स्कीम वर्करों को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाये| नई शिक्षा नीति और किसान विरोधी बिल को केंद्र सरकार वापस ले| इस अवसर पर एम सलाहुद्दीन, गया प्रसाद, अर्जुन लाल, अवनीश त्रिवेदी, अनवर अली, हरिराम अरोड़ा, सिराज अहमद आदि लोग मौजूद रहे|