Nishan Publication

किसानों और मजदूरों को दी जाए एकमुश्त सहायता- एम सलाहुद्दीन

-किसान बचाओ देश बचाओ दिवस पर वामपंथी संगठनों ने प्रधानमंत्री को भेजा खुला पत्र

सीतापुर- देश में किसानो और मजदूरों की दिनोंदिन बदहाल होती स्थिति के विरोध में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भाकपा माले, मजदूर किसान मंच, अखिल भारतीय किसान सभा जैसे वामपंथी प्रगतिशील संगठनों ने जिलाधिकारीसीतापुर के माध्यम से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र भेजा और विभिन्न मांगों के ज़रिये किसानों और मजदूरों सहित आम जनता की तमाम समस्याओं को सुलझाने के मांग की|


भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला संयोजक एम सलाहुद्दीन ने कहा कि देश के किसानों के सामने उत्पन्न गम्भीर समस्याएं जो कोविड महामारी और लगातार चले लाकडाउन की स्थिति में और बढ़ गयी हैं, व उनका हल निकालने में इस सरकार की लगातार विफलता हर किसी के सामने आ ही चुकी है|

यह एक उचित समय था जब किसानों और खेत मजदूर जो  देश के कुल श्रम शक्ति का50 फीसदी हैं इनको पर्याप्त राहत प्रदान करके सबसे निचले पायदान पर जीवन बसर कर रहे नागरिकों का विकास सुनिश्चित किया जा सकता था। ये वे लोग हैं जो बाजार की कठिन परिस्थितियों और सरकार की विपरीत नीतियों के बावजूद मेहनत करके पूरे देश में खाद्यान्न सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। इस बातकी हम सराहना करते हैं कि इस सरकार ने इन मेहनतकश किसानों के योगदान पर भरोसा करके ही एक साहसी घोषणा की थी कि देश के खाद्यान्न भंडार भरे हुए हैं और ये सरकार किसी तरह की कमी नहीं आने देगी। इसी योगदान के आधार पर हम देश के किसानों और मजदूरों की स्थिति में जल्द से जल्द सुधर करने की मांग करते हैं|

एक्टू नेता गया प्रसाद ने मांग करते हुए कहा कि सभी किसानों केभूमिहीन किसान व खेत मजदूर समेतसभी कर्जे माफ किये जाएं। सभी पुराने केसीसी कर्ज माफ किये जाएँ व नए केसीसी कर्ज तुरन्त जारी किये जाएँ। सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए और इसी दाम पर सारी फसलें खरीदी जाएं| इन फसलों में दूधसब्जीफल व सभी बर्बाद होने वाली फसलें भी शामिल हों। उन्होंने आगे कहा कि केवल कार्ड धारकों को 5 किलो अनाज प्रति व्यक्ति प्रति माह देने की नीति बदली जाये और उन सबको 15 किलो अनाज और कम से कम 1 किलो दाल,तेल व चीनी प्रति माह उपलब्ध कराई जाये। यदि सभी 135 करोड़ लोगों को 15 किलो अनाज दिया जाए तो भी इसका बोझ मात्र लगभग 2 करोड़ टन प्रति माह ही पड़ेगा।

अवनीश त्रिवेदी ने कहा कि सभी ट्रेन व अन्तर्राज्यीय बसें तुरंत शुरु की जाएं ताकि प्रवासी मजदूर घर लौट सकें। इसमें विलम्ब करने से शहरों की बस्तियों में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जाएगाजैसा कि वर्तमान नीति के अनुभव से स्पष्ट है। जितना जल्दी वहां से निकलने की छूट मजदूरों को मिलेगी,उतना कम इसका प्रकोप गावों में फैलेगा। हर गांव में सभी प्रवासियों के सर्विलांस और जांच का प्रबंध किया जाए और कोविड की सभी हिदायतोंयानी मास्क पहननाशारीरिक दूरी बनाए रखना, चेहरे को ना छूना व हाथ धोना,आदि का सामाजिक अभियान चलाया जाए। बर्बर पुलिस दबाव और जनता के बीच से नेताओं को उत्प्रेरित ना करने के कारण इनहिदायतों का पालन ज्यादातर नहीं किया जा रहा है। सभी छोटे व्यवसायियोंउत्पादन व स्थानीय परिवहन को तुरंत चालू किया जाए।

इस अवसर पर मजदूर किसान सभा के कन्हैयाल कश्यप, अखिल भारतीय किसान सभा के एम सलाहुद्दीन, किसान सभा के गया प्रसाद, अनवर अली सिद्दीकी और डा. ब्रज बिहारी मौजूद रहे|


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