Nishan Publication

कृषि कानूनों के विरोध में भाकपा का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ- संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा देश भर में रेल रोकने के आह्वान के समर्थन में उत्तर प्रदेश में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भी सड़कों पर उतरी। तीनों क्रषी क़ानूनों को तत्काल रद्द करनेएमएसपी को लागू कराने को कानून बनाने, विद्युत बिल 2020 को रद्द करने, पेट्रोल डीजल रसोई गैस की कीमतें आधी करने, महंगाई पर कारगर रोक लगाने, गन्ने का खरीद मूल्य घोषित करने तथा उन्नाव की बालिकाओं के साथ हुयी हैवानियत की जांच सीबीआई से कराने आदि सवाल भाकपा के आन्दोलन के केन्द्र में रहे। राज्य सरकार की तमाम दमनात्मक कार्यवाहियों के बावजूद भाकपा और विपक्षी दलों के संयुक्त मोर्चे ने किसानों के समर्थन में उरई में का॰ कैलाश पाठक के नेत्रत्व में रेल रोकी। बाद में सैकड़ों नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। फ़ैज़ाबाद में भाकपा जिला सचिव का॰ रामतीरथ पाठक के नेत्रत्व में रेल रोकने के प्रयास में दर्जनों कार्यकताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। कानपुर में भी भाकपा, माकपा और किसान यूनियन के दर्जनों कार्यकर्ता गिरफ्तार कर लिए गये। जौनपुर में जिला सचिव कल्पनाथ गुप्ता एवं सालिगराम पटेल आदि को सुभ से ही घर में नजरबंद कर लिया गया। बाराबंकी में भी किसान सभा के पदाधिकारियों को घर पर ही पुलिस ने पाबंद कर दिया। राज्य सरकार की तमाम पाबन्दियों के बावजूद भाकपा ने जगह जगह स्वतंत्र और संयुक्त रूप से धरने प्रदर्शन आयोजित किये और महामहिम राष्ट्रपति और राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन दिये। इन ज्ञापनों के माध्यम से मांग की गयी है कि क्रषी और किसान विरोधी तीनों काले क़ानूनों को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाये। एमएसपी को लागू कराने के लिये कानून बनाया जाये। दिल्ली के आसपास जुटे किसानों के धरनों के इर्द गिर्द खड़े किये गये अवांच्छित और अमानुषिक अवरोध तत्काल हठाये जायेँ। तीन साल से रोके गये गन्ने का समर्थन मूल्य तत्काल घोषित किया जाये। गन्ना किसानों के चीनी मिलों पर बकाये का भुगतान मय ब्याज के कराया जाये। श्रम क़ानूनों मेँ किये गये प्रतिगामी परिवर्तनों को तत्काल रोका जाये। विद्युत अधिनियम 2020 को रद्द किया जाये। पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतें आधी की जायें। अथवा उन्हें जीएसटी के अंतर्गत लाया जाये। पूर्ववर्ती मूल्य नियंत्रण प्रणाली लागू की जाये। महंगाई पर कारगर रोक लगायी जाये। कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने को गरीब और आम आदमी के ऊपर आर्थिक बोझ लादना रोका जाये। सार्वजनिक क्षेत्र को बेचना तत्काल बन्द किया जाये।युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाये। काम के पूरे दाम दिये जायें। उत्तर प्रदेश मेँ आंदोलनों और आंदोलनकारियों पर दमन रोका जाये। कुशासन और भ्रष्टाचार की स्थिति मेँ सुधार किया जाये। उन्नाव में तीन दलित बालिकाओं के साथ हुयी हैवानियत की जांच सीबीआई से कराई जाये। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मण्डल ने देश और प्रदेश में शांतिपूर्ण तरीके से रेल रोकने और आंदोलन करने के लिए किसानों, भाकपा कार्यकर्ताओं और अन्य दलों के कार्यकर्ताओं को क्रान्तिकारी बधाई प्रेषित की है।


 

 

 

 

 

 

 


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