Nishan Publication

हाथरस की पीड़िता की मौत पर भाकपा ने जताया गहरा दुख।

-मुख्यमंत्री से महिलाओं की रक्षा न कर पाने की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुये त्यागपत्र की मांग की

लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने हाथरस की पीड़िता की आज दिल्ली में हुयी मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। भाकपा ने इस पूरे प्रकरण में प्रदेश सरकार और हाथरस पुलिस प्रशासन की इस जघन्य वारदात के प्रति उदासीनता की निंदनीय करतूत ने समाज को हिला कर रख दिया है। सामाजिक और राजनीतिक संगठन निरंतर आवाज उठाते रहे मगर सिस्टम अपने ही ढर्रे पर रेंगता रहा। भाकपा ने कहा कि भले ही अन्य घटनायें हाथरस की तरह देश और समाज की नजरों में न आ पायें पर उत्तर प्रदेश में यह हर रोज हो रहा है। कोविड काल में ही बलात्कार और हत्या की हुयी वारदातों को ही संकलित कर दिया जाये तो एक पुस्तक का रूप ले लेगी। हमेशा की तरह इस बार भी प्रदेश सरकार के मुखिया ने नैतिक ज़िम्मेदारी लेने के बजाय दुख प्रकट कर दिया। नियमानुसार धनराशि दिला कर कर्तव्य की इतिश्री कर दी। भाकपा मांग करती है कि अवलाओं की रक्षा कर पाने में असमर्थ मुख्यमंत्री को त्यागपत्र दे देना चाहिये। हाथरस प्रकरण में हीला- हवाली के लिए प्रशासन में ज़िम्मेदारी तय होनी चाहिये और देश और समाज को आश्वस्त करना चाहिये। फास्ट ट्रेक कोर्ट गठित कर दिया गया है। सिस्टम की ओर से पैरवी में कोई चूक न हो इस बात की गारंटी की जानी चाहिये। भाकपा मांग करती है कि नियमों से ऊपर उठ कर पीड़िता के परिवार को अतिरिक्त राशि प्रदान की जानी चाहिए। भाकपा और उसके सहयोगी संगठन उत्तर प्रदेश में महिलाओं की रक्षा के सवाल पर मुस्तैदी से आवाज उठाते रहे हैं और उठाते रहेंगे। 

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