लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने उत्तर प्रदेश में ताबड़तोड़ आपराधिक वारदातों पर गहरी चिन्ता जतायी है। पिछले 24 घंटे में ही प्रदेश में लगभग एक सैकड़ा संगीन वारदातों ने प्रदेश के नागरिकों को पूरी तरह झकझोर के रख दिया है। भाकपा ने कहाकि राज्य सरकार शासन का अधिकार खो बैठी है और अब उसे त्यागपत्र दे देना चाहिये। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नाक के नीचे गोरखपुर में अपराधियों द्वारा व्यवसायी के पुत्र का अपहरण कर हत्या कर दी गयी। कानपुर देहात में भी एक अपह्रत व्यक्ति की हत्या कर दी गयी। गाजियाबाद में दिन दहाड़े एक परिवार को बंधक बना लूट की गयी। नोएडा में कार सवारों ने फिरोजाबाद के व्यवसायी से नकदी लूट ली। दर्जनों महिलाओं की हत्या कर दी गयी है। दर्जनों कत्ल,दर्जनों आत्महत्यायें और कई दर्जन फ़ौजदारियाँ प्रदेश में पिछले 24 घंटों में हुयी हैं। कई जगह तो पुलिस पर भी हमले हुये हैं। इन वारदातों से प्रदेश सहम गया है। सामान्य नागरिक अपने को असुरक्षित समझने लगे हैं। अपराधों को रोक पाने में राज्य सरकार की विफलता से वे हैरत में हैं। अपराधों से निपटने का योगी सरकार का पैटर्न फ्लाप हो गया है। कड़ी कार्यवाही के निर्देश दे दिये गये हैं,अफसरों का तबादला कर दिया गया है, मुआबजे की घोषणा कर दी गयी है आदि जुमलों से अब जनता ऊब चुकी है।अपराधों की बाढ़ से बदहवास सरकार अब केवल अंधाधुंध एंकाउंटर्स और मनमानी गिरफ्तारियों से अपराधों पर रोक लगाना चाहती है। जबकि भाकपा की द्रढ़ राय है कि भारी पैमाने पर बेरोजगारी के रहते इस समस्या पर काबू नहीं पाया जा सकता। प्रदेश में पहले से ही व्याप्त बेरोजगारी कोविड संकट में और बढ़ गयी है। रोज ब रोज रोजगार देने की मुख्यमंत्री की घोषणायेंं कागजी साबित हुयी हैं। रोजगार छिनने से हताश और पीढ़ित तमाम लोग आत्महत्यायें कर रहे हैं, रोजगार के लिये जान जोखिम में डाल कर अनेक प्रवासी वापस कार्यस्थल लौट रहे हैं और कई गुमराह तत्व अपराधों में लिप्त हो रहे है। यदि सभी को रोजगार दे दिया जाये तो अपराधों की इस बाढ़ को बहुत हद तक थामा जा सकता है। लेकिन सरकार के पास रोजगार देने की कोई योजना नहीं है। निशान पब्लिकेशन से बात करते हुए भाकपा के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहाकि बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने की मांग और अन्य कई मांगों को लेकर वामपंथी दलों द्वारा 4 अगस्त को समूचे उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन कर आवाज उठायेंगे।