वामपंथी दलों ने आल
इंडिया ट्रेड यूनियन के समर्थन में दिया धरना
सीतापुर- श्रम कानून के स्थगन के खिलाफ आल
इंडिया ट्रेड यूनियन के राष्ट्रीय आह्वान पर सीतापुर जिले में वामपंथी दलों ने एक
दिवसीय धरना प्रदर्शन कर श्रमिकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज़ बुलंद की|
भाकपा माले के प्रभारी अर्जुन लाल ने कहा कि लॉकडाउन के इस संकटपूर्ण समय में
हजारों मजदूर परेशान हैं, उन्हें रोज़गार नहीं मिल रहा| घर वापस आने के लिए हजारों
किलोमीटर का सफ़र पैदल तय करने को मजबूर हैं| संकट के इस समय में सरकार मजदूरों का
साथ देना तो दूर श्रम कानून का स्थगन करके उलटे उनका शोषण करने के रास्ते तैयार कर
रही है| इसी के विरोध में आज पूरे भारत में आल इंडिया ट्रेड यूनियन प्रदर्शन कर
रही है| सीतापुर में भाकपा माले और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सहित तमाम प्रगितिशील
संगठन उनके इस संघर्ष में कंधे से कन्धा मिलाकर खड़े हैं|
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला संयोजक
एम सलाहुद्दीन ने कहा कि मजदूरों को प्रवासी कहना सही नहीं है| वो तो अपने घर वापस
आ रहे हैं, और अपने घर लौटने वाले को प्रवासी नहीं कहा जाना चाहिए| ये उनके
राष्ट्र निर्माण में किये गये परिश्रम का अपमान है|
श्रमिकों की सुरक्षा के लिए
बनाए गये श्रम कानूनों में किसी भी तरह का फेरबदल बर्दाश्त नहीं किया जायेगा|
सरकार तुरंत मजदूरों को सुरक्षित उनके घर भेजने के साथ साथ 10 हज़ार रूपये की
सहायता, मंरेगा में 200 दिन काम और 500रु. प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी का भुगतान
सुनिश्चित किया जाए| सैकड़ों लोगों के अभी भी राशन कार्ड नहीं बने हैं, उन्हें राशन
नहीं मिल पा रहा और कई लोग भुखमरी की कगार पर पहुँच गये हैं| सरकार को इन सब
समस्याओं का तुरंत समाधान निकालना चाहिए|

